1. हाइपोग्लायसिमिया यानी खून में सुगर का कमना खतरनाक है। थोड़ी सावधानी से इससे बचा जा सकता है।
i. हाइपोग्लायसिमिया पर पूरी जानकारी पिछले पन्ने पर दी गयी है।
ii. आप को यह तभी होगा जब शरीर में दवा या इनसुलीन की मात्रा ज्यादा हो जाएगी।
iii. आपने दवा खा ळी और खाना नही खाया तो सुगर की मात्रा घट जायेगी और आप बेहोश हो जायेंगे।
iv. दूसरी बीमारी हो और आप पूरा खाना नहीं ले पा रहें हो मगर दवा या सूई की पूरी मात्रा ले ली हो तो सुगर की मात्रा घट जायेगी और आप बेहोश हो जायेंगे।
v. आपने जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज कर ली तो फिर सुगर इतना घट सकता है कि आप बेहोश हो जाएँ।
vi. महीनों बिना ब्लड सुगर जाँच कराए दवा खाते रहना एक खतरनाक खेल है। ऐसा मत कीजिए ।इससे भी हाइपोग्लायसिमिया हो सकता है।
vii. हाइपोग्लायसिमिया के सभी लक्षणों को न केवल आप को जानना चाहिए बल्कि परिवार के सभी सदस्यों को भी पता रहना चाहिए कि इसके क्या लक्षण हैं और ऐसा होने पर क्या करना है।
2. अचानक बुखार हो गया हो या कोई अन्य बीमारी..तब क्या करें
i. अगर टाइप-1 के मरीज है तो इन्सुलीन की सूई मत छोङिए अन्यथा डायबेटिक किटोएसिडोसिस होने का खतरा रहेगा , जो एक जानलेवा समस्या है।
ii. अगर आप टाइप-2 के मरीज हैं तो भी अपनी दवा बन्द न करें।मगर रोज ब्लड सुगर जाँच कराएँ। उल्टी हो रही हो तो मेटफोरमिन दवा न लें।अगर आप इन्सुलीन ले रहें हैं तो इसे बन्द न करें।
iii. अगर बार-बार उल्टी हो रही तो यह डायबेटिक किटोएसिडोसिस का ळक्षण हो सकता है। पेशाब में किटोन की जाँच कराएँ ।अपने चिकित्सक से तुरत सम्पर्क करें।
iv. इस समय शरीर में डिहाइड्रेशन एवं इलेक्ट्रोलाइट इमबैलेन्स न हो इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। अगर लूज मोशन हो रहा हो तो ओरल रिहाइड्रेशन सोल्युशन लेते रहें। इसमें ग्लुकोज होता है मगर इसे लेना जरूरी है।
3. मधुमेह के रोगी हैं और गाड़ी चला रहे हैं तो
i. साथ में ग्लुकोज अवश्य रखिए
ii. बीच बीच में सुस्ताइए, आराम कीजिए फिर चलिए।
iii. लम्बे ड्राइव में जाने के पहले अपना ब्लडसुगर अवश्य जान लीजिए।
4. डायबिटीज किटोएसिडोसिस है तो जानलेवा मगर इससे बचना उतना ही आसान है
i. वैसे तो यह समस्या है टाइप-1 डायबिटीज की मगर टाइप-2 डायबिटीज में भी अक्सर होता रहता है।
ii. इनसुलीन की सूई बन्द करते ही शरीर में इन्सुलीन की इतनी कमी हो जाती है और ग्लुकागाँन इतना बढ जाता है कि शरीर में एसिटोएसिटेट एंव बीटा-हायड्रोक्सीब्युटारेट (जिसे किटोन-बाडिज कहते हैं) बढने लगते हैं। इसके कारण एसिडोसिस हो जाता है। खूब पेशाब होने लगता है।ज्यादा प्यास लगती है।कमजोरी,माँशपेशियों में दर्द,भयानक सुस्ती,माथे में दर्द,उल्टी,पेट दर्द आदि लक्षणों के बाद साँस फूलने लगती है।यह सब धीरे-धीरे होता है।फिर मरीज बेहोश हो जाता है।
iii. यदि मरीज ने इन्सुलीन छोड रखा है और उपरोक्त ळक्षण आ रहे हों तो तुरत अस्पताल पँहुचें।
iv. लगातार मोनिटरिंग में रहने वाले और इन्सुलीन लेने वाले मरीजों को इस जानलेवा अवस्था से गुजरना नही पङता।
5. अपने पास एक ऐसा कार्ड जरूर रखिए
डी.एच.आर.सी, धनबाद – मधुमेह पहचान पत्र:
नाम——————-आयु———– पता———————–
डॉक्टर का मोबाइल नं…………… घर का फोन नंबर…………….
मैं एक मधुमेह रोगी हूं और इन दवाओं को ले रहा हूं: 1…………. 2…………… 3……………
जिसमें यह लिखा हो कि आप डायबिटीज से ग्रसित हैं ,अमुक दवाइयाँ खा रहें हैं और आपके डाक्टर का फोन एवं आपके घर का फोन नम्बर यह है….
इससे कोई इमरजेन्सी हो तो सही चिकित्सा सही समय पर शुरू की जा सकती है।