जमाना फास्ट है। इसलिये हमारा फूड भी फास्ट हो गया है। स्मार्ट लोग फास्ट फूड की दुकनों पर उमङे हुए हैं।फास्ट गप्पें,फास्ट स्टाइल,फास्ट आशिकी और फास्ट मौसम।
नूडल्स,बर्गर,पिज्जा, ब्रेड-बटर,पेप्सी कोला नये जमाने के नये अवतार हैं।मैकडोनाल्ड के फास्ट फूड के ठेले हर नुक्कड़ पर छा चुके हैं। हमारे बच्चे फास्ट फूड के इन कॉर्नरों पर जा कर अपने आपको धन्य समझते हैं। रसिया,चाइना,इंडिया या अमेरिका इस मामले में सब बराबरी पर चल रहे हैं। हर जगह मैनें इन फास्ट फूड की दुकानों पर भयानक भीड़ देखी और मेरा सर चकरा गया। दुनिया भर के हार्ट रोग विशेषज्ञ हार्ट एटेक की लगातार बढती बीमारी से काफी चिंतित हैं। सलाह दी गयी है की सादा भोजन करें,फास्ट फूड से पूर्णतः बचें क्योंकि हार्ट ऐटेक के होने में इनका भारी हाथ है।
आखिर फास्ट फूड को फास्ट क्यों बोलते है?
मेरे दिमाग में ख्याल आया कि आखिर फास्ट फूड को फास्ट क्यों बोलते है? क्या वह जल्दी पक जाता है,या जल्दी बनाया जा सकता है? इसलिये अमेरीका के एक जाने-माने हार्ट रोग विशेषज्ञ का कहना है-यह् बात नही है।फास्ट फूड किल्स यू वेरी फास्ट,यह् मुख्य बात हैं । फास्ट फूड खाने से मॄत्यु जल्दी आती है।यह जानकर फास्ट फूड मुझे रहस्यमय लगने लगा है। विज्ञान के सामने सच साफ हो चुका है । हम जितना ज्यादा फास्ट फूड खाते हैं वह अंततः शरीर में फ्री रैडीकल्स यानि जहरीले तत्वों को पैदा करता है।ये फ्री रैडीकल्स हमारे शरीर की कोशिकाओं मे होने वाले जैव प्रक्रियाओं को ठीक से होने नहीं देते।
बिजनेस करनेवालों के लिए एक नया आइडिया:
बचपन से ही फास्ट फूड की आदतों से शरीर में ऑक्सीडेटीभ स्ट्रेस इतना ज्यादा हो जाता है कि इन्सुलीन भी नाकाम हो जाता है । भारत में नरूला फास्ट फूड की चमचमाती दुकानें काफी लोकप्रिय हो गयी हैं । मेरे दिमाग में इस तरह के बिजनेस करनेवालों के लिए एक नया आइडिया है । आप यदि इन्टरेस्टेड हैं तो फास्ट फूड को गोली मारिये और स्लो फूड की दुकान खोलिये । साइनबोर्ड के सबसे उपर लिखिए-
• फास्ट फूड किल्स यू फास्ट -इसलिए खाओ स्लो फूड जो जिंदा रखेगा आपको सालोंसाल।
रोमांस पैदा कीजिए।
स्लो फूड की दुकानों में रहेंगी ट्रैडिशनल भारतीय स्टाइस की खाने-पीने की चीजें। इसमें ही रोमांस पैदा कीजिए कि लोग इन चीजों को खाने दौड़कर आयें …
स्लो फूड में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। जो शरीर में जमे जहर को निकालकर आधुनिक महामारियों से हमें बचा कर रखते हैं।
क्या रखिएगा स्लो-फूड की दुकान में?
i. अंकुरे हुए चने, मूंग एवं अन्य दानों में धनिया पत्ता एवं बंद गोभी का पत्ता डालकर सजाइए ।
ii. एक प्लेट में भुंजा (मकई, जौ या चने) को रखिये और इसका कुछ रोमांटिक नाम दीजिए ।
iii. गाजर, मूली, टमाटर, प्याज लहसुन, खीरा, ककड़ी, तरबूजा जैसी चीजों का एक प्लेट बनाइए ।
iv. सत्तु, ड्राई फ्रुट्स जैसे आमांड (काठ बादाम),काजू, किसमिस, पिस्ता जैसी उन्नत खाद्य पदार्थ की महिमा बखानिये ।
v. जामुन, जौ (ओएटब्रान), बाजरा जैसे खाद्य पदार्थ आज काफी महत्पूर्ण माने जा रहे हैं ।
vi. तीसी (फलेक्स सीड) में ओमेगा थ्री फैटी एसिड बहुतायत से पाया जाता है, जो हृदय आघात, स्ट्रोक एवं मधुमेह से बचाव करता है । तीसी भुंजकर हमारे पूर्वज खूब खाते थे ।
vii. स्लो फूड की दुकान पर खूब मछली भी रखिए । हफ्ते में कम से कम तीन बार मछली का खाना हार्ट एटैक से बचाता है ।
viii. तेल में सरसों का तेल या सोयाबीन रखिये एवं शुद्ध देशी घी के गुण तो फिर से महत्वपूर्ण हो गये हैं।
आप इस बिजनेस में आइये।
स्लो फूड का बिजनेस फेल नहीं हो इसे लिए जबरदस्त विज्ञापन की जरूरत पड़ सकती है। भारत में आज बच्चा पैदा होते ही दूध नहीं पेप्सी-कोला मांगता है। अमेरीका में फास्ट फूड के विरूद्ध अब जबरदस्त आंदोलन शुरू हो गया है। कौन जानता है कि कल मैकडोलान्ड की दुकानों पर ताला जड़ जये । स्लो फूड का बिजनेस जरूर क्लिक करेगा । आप इस बिजनेस में आइये।