हजारों मील की यात्रा एक कदम से ही शुरु होती है !

मुख्य सन्देश हैः
• खुब शारीरिक मेहनत करें।
• पैदल चलें।
• एइरोबिक व्यायाम।
• योगासन करें।
• बैडमिन्टन खेलें।
• नियमित खूब साईकिल चलावें।
• तैराकी करें।
• आस पास जमीन हो तो कुदाल चलावें।
• तथाकथित आधुनिक तामसिक भोज्य पदार्थो को बचपन से ही न खाएँ, जैसे – मिठाई , फास्ट फूड , चाट , कोल्ड ड्रिंक , चाकलेट , टॉफी , डब्बे में बन्द सामग्री।

जो मधुमेह के रोगी अपनी बीमारी का नियंत्रण ठीक से करते हैं वो 100 साल जी सकते हैं।

क्या कह रही है यू. के. पी. डी. स्टडी?

• शुरु हुई – 1977 में
• 5102 रोगियों को अध्ययन में रखा गया। निष्कर्ष मिला 20 साल बाद 1997 में:
• यदि मधुमेह नियन्त्रित रखा जाए तो
• दुष्परिणामों से बच सकते है 12% तक।
• फोटोकोवेगुलेशन से बच सकते है 29% तक।
• माइक्रोवासकुलर दुष्परिणामों से बच सकते है 37% तक।
• अन्धेपन से बच सकते है 24% तक।
• स्ट्रोक से बच सकते है 44% तक।
• हॄदयाघात से बच सकते है 16% तक।

मधुमेह में स्वास्थ्य शिक्षा से ज्यादा जरुरी कुछ नहीं है, सही जानकारी से आप अपने को सालों साल स्वस्थ रख सकते है।

चालीस की उम्रके बाद बिना किसी लक्षण के भी ब्लड सुगर की सालाना अवश्य जॉच कराएँ । आज से ही नियमतः तेज चलने का प्रण कीजिए ।

मधुमेह – कुछ तथ्य:

स्टाइल डिसऑर्डर ?
विथ और विथाउट जेनेटिक प्रेडिस्पोसिशन – खराब जीवन शैली से हुई बीमारी

क्या गाँव, कस्बे और शहर में मधुमेह होने के दर में अन्तर है?

यह शहरी विलासी जीवन का प्रतीक तो नहीं:
शहरी क्षेत्र – 15 -22 %
गाँव, देहात – 2 – 8 %

व्यस्तता को राम राम
शरीर हो रोगी तो क्या फायदा? रोज शारीरिक मेहनत करें।

रिस्क मधुमेह होने का
20% – घर में किसी एक को हो
40% – माँ-बाप में किसी एक को बीमारी हो
70% – एक को बीमारी हो, दुसरा डायबेटिक फैमली से हो
99% – माँ-बाप दोनो को हो

इन्सुलीन के बिना सब सूना
व्यायाम से इन्सुलीन रिसेप्टर की संख्या बढ़ जाती है, ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं।

विचित्र तमाशा!
चीन में मधुमेह दर – 1%, मारीशस में जा बसे चाइनीज में मधुमेह दर – 20%
आलसी / भोगवादी / विलासी जिन्दगी / आधुनिकता की मार।

सावधान:

1. ग्लायकोसालेटेड हीमोग्लोबीन टेस्ट – सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट बन कर उभरा है। यह डायबिटीज की डायगनोसिस एवं कंट्रोल को जानने का सबसे अच्छा तरीका है। इसकी रिडिंग यानि 7 प्रतिशत कम है तो डायबिटीज का नियंत्रण ठीक चल रहा है। इसे हर तीन महीने पर कराना जरूरी माना गया है। नई तकनीक से मात्र 5 मिनट में इस टेस्ट की रिपोर्ट मिल जाती है।

2. लीराग्लुटाईड दवा नई आशा बनी है जी.एल.पी -(1) ग्रुप की यह दवा रोज सूई द्वारा दी जाती है। यह न केवल डायबिटीज का सही नियंत्रण करती है बल्कि इसके लेने से वजन भी कमता है और लिपिड प्रोफाईल भी सुधरता है। मंहगी और ईन्जेक्शन के रूप में उपलब्ध होने के कारण इस दवा की लोकप्रियत पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है।

3. सीटाग्लीपटीन एवं विलाडग्लीपटीन दवा का प्रयोग डायबिटीज के प्राकृतिक तौर पर सही नियंत्रण के लिए उपयुक्त पया गया है। धीरे-धीरे दूरी दुनिया में इन दवाओं का उपयोग बढ़ता जा रहा है। मगर यह ग्लीमीपीराइड ग्रुप की दवा को पीछे छोड़ देगी या नही, अभी नही कहा जा सकता।

बच्चे अवश्य ध्यान दें – FAST FOOD KILLS FAST

बहुत लोगों कि यह् धारणा है कि डायबिटीज से बचाव 40 साल के बाद करना होता है। मगर आधुनिक खोजों से पता चला है कि इस बीमारी से बचाना है तो स्कूल के दिनों से ही बचाव शुरु हो जाना चाहिये । खानपान गड़बड़ी और व्यायाम के अभाव मे शरीर मे असन्तुलन 10 से15 साल की उम्र मे ही शुरु हो जाता है ।

शरीर की मुख्य रक्त वाहिनिओ मे एवं ह्रदय की माँसपेशिओं मे रक्त पहुँचाने वाले कोरोनरी आरटरी में कोलेस्टेरोल का जमाव शुरु हो जाता है । यही जमाव बाद में हदय-आघात क कारण बनता है। इन्सुलीन रेसिसटेन्स की अवस्था भी शुरु हो जाती है। आजकल 25 से 40 के लोगों में बहुतायत से मधुमेह पाया जा रहा है। महामारी का यह विकॄत चेहरा बहुत भयानक है। इस विकॄत चेहरे को ठीक किया जा सकता है।यदि मधुमेह/ह्र्दयाघात एवं स्ट्रोक से बचना है तो बचाव बचपन के दिनो से ही शुरु करें।

इस तरहः
• फास्ट फूड नियमित रुप से खाना बंद करें ।
• डिब्बे में बन्द सामग्री से बचे।
• सभी तरह् के तथाकथित कोल्ड ड्रिक्स खतरनाक हैं। आज कल कोल्ड ड्रिक्स पीना फैशन हो गया है। इसकी जगह ताजे फलो का रस पिये।
• मिठाई का नियमित सेवन न करें।
• सभी प्रकार के टाफी/ चाकलेट का नियमित सेवन न करें।
• व्यायाम नियमित रुप से कर करें / टहलना/ खेलना/योगासन/ ध्यान को जीवन का नियमित अंग